


बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण दोपहर तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने बिहार में भारत के चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में कथित अनियमितताओं पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर सदन के आसन के सामने नारेबाजी और तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया, लेकिन विपक्षी सांसदों के बढ़ते हंगामे ने कार्यवाही को बाधित कर दिया। कांग्रेस सांसद सुरेश कुमार शेतका और भाजपा सांसद अनूप संजय धोत्रे को प्रश्न पूछने का मौका मिला, लेकिन हंगामा बढ़ने पर अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। बिरला ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा, “सदन में तख्तियां और लाठी-डंडे लाना उचित नहीं है। आप इस संस्था का हिस्सा हैं, सहयोग करें।”
विपक्ष का अड़ियल रुख, बिहार चुनाव पर गतिरोध
विपक्ष ने बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण में कथित खामियों पर चर्चा की मांग दोहराई, जिसे लेकर इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने मोदी सरकार पर बहस में बाधा डालने का आरोप लगाया। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकती है। बार-बार अपील के बावजूद हंगामा न थमने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी।
मानसून सत्र में बार-बार रुकावट, संसदीय कामकाज प्रभावित
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार के “हठ” को इस गतिरोध का कारण बताया। 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में बार-बार स्थगन और बहिर्गमन ने संसदीय कामकाज को बाधित किया है। हालांकि, सरकार ने विपक्ष की अनुपस्थिति में कई विधेयक पारित किए, लेकिन लगातार विरोध ने विधायी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
दोपहर में फिर शुरू होगी कार्यवाही, समाधान की उम्मीद
दोपहर में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी, लेकिन यह गतिरोध सत्र के स्वर को प्रभावित कर सकता है। अध्यक्ष बिरला का सहयोग का आह्वान राजनीतिक तनाव के बीच संसदीय सामान्य स्थिति बहाल करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।